एकठो थारु गाउँके प्रेम कथा
एक समयकके बाट हो, एकठो थारु गाउँमे एक अद्भुत सुन्दरी युवती बैठिन, हुकार नाम रुपनी रहिन । उ छोटेसे जो गाउँमे सबसे प्रिय रहिन् । हुकार मोहनैना मुस्कान ओ साहसिक स्वभावसे सक्कुन आकर्षित कैलेरहिन । रुपनी वरे झट्टे बहरलिन, मजा ओ बुद्धिमानी जनिवा बन्लिन् । गाउँक सक्कु लौन्डन हुकार प्रेममे पागल रहिट, तर रुपनी अपन माया ओ विश्वासके खोजीम रहिन ।
गाउँक एक जने युवक, लहानु, जो सामान्य किसान रहे, रुपनी प्रति आकर्षित रहे । लहानुके परिवार हरपल ओ मेहनती रहिट । लहानु अपनहे हरसमय गाउँक लाग काम करॐना एकठो जिम्मेवार व्यक्ति बनैना सपना देख्ले रहे । रुपनी ओ लहानुके भेट एकठो ओजरिया रातमे हुइल रहिन, जब लहानु खेत्वम काम करतिरहे ओ रुपनी बद्रिमे रंगिन बिहानिक केरनीक् दृश्य हेरे गैइल रहिन् ।उहे बेला ओइनके लजर एकआपसमे जुझलरहिन ।
रुपनी लहानु से कुछ बोल्ना बहान बनैलिनू टुहिन उ केरनी कुव बिल्गाइतारुू लहानु बिना हिचकिचैले कलै हाँ यी दृश्य जाट्टिके मनमोहक बा,ू रुपनी मुस्कुरैटि कलिन, ूजस्ते कि हम्रिनहे सुन्दरता ओ शान्ति डेटि बा ।
उहे दिनसे उइनके भेटघाट नियमित हुइटि रलिन । लहानु रुपनिकसँग अपन गाउँ ओ भविष्यके बारेम ढेर बाट सट्ना करे, ओ रुपनी फेन ओकर साधारण ओ सहि विचारसँग भावुक हुइ लग्लिन। समय बित्ती गैल, ओ उइनके सम्बन्ध गहिर प्रेममे परिणत हुगैलिन।
तर, प्रेमके यी यात्रा सजिलो नैरहि । गाउँक कुछ व्यक्ति यी प्रेमहे स्वीकृत नै करलै, काकरे कि लहानुक वर्ग ठोरचे किल रहिस । तर रुपनी ओ लहानु अपन माया बचाइक लाग लराइँ करे लग्लै । ओइने हजपनहे प्रमाणित कर्लै कि माया कना वर्गसे उप्पर रहठ । प्रेमके नै जित हुइट कना डुनडजे प्रमाणित करके छोर्लैं । जात भाट धर्म कर्म गरिबि धन कोई प्रेमहे रोके नै सेकट कना इहे हो ।
अन्ततः, गाउँक पुरान परम्पराहर ओ सोचहे चुनौती डेटि, रुपनी ओ लहानु एकडोसरसँग ९भोज०विवाह करलैं । ओइनके प्रेम कथा गाउँमे एकठो प्रेरणा बनेपुग्लिन । रुपनी ओ लहानू सच्चा माया ओ समर्पणके बारेम सिखैलैं, ओ उ गाउँक भविष्यके पथहे सच्चा प्रेम ओ समानताके आधारमे निर्माण करल ।
- संगम चौधरी
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