फुलरियामे लौलि || Fulariyame Lauli
जार घाम, टे कबु बर्खक झरिमे ! टोहार सम्झना उँहुँ! बैठल फुलरियामे चिटैटि नेंगेबेर बटवाइल टोहार जिन्गिक भावना, बैराग लग्टिग उ सजना, मैना, ढमार उ मागर टे आउर आँखिक् पल्कमसे टपर टपर आँस चुहजाइट् ! कत्रा सुहावन फुलरिया ?
कखौरिटिर डाबल टोहार सिंगारके मोटरि, टुहाँर हाँठक् चुरियक् छन् छन् पैचुरि आवाज उ सुहावन फुलरिया उँहुँ! गल्टक् लेहँङ्गा, कचौटि काटल् चोलिया, उ फुन्ना लागल झबन्ना ओ कंन्ढमसे कस्निम् खोसल अघरान फुरफुर फुरफुर उरैलक् उ फुलरिया ?
घिल्टुङ्ग घिल्टुङ्ग मन्डरक् टारेम्, पुट्ठा डुम्कैटि ठोप्रि बजैटि फुड्रुक् फुड्रुक् कुड्गलक् उँहुँ! मै घरक मोकासोझ झक्याके हेर्नु? एकओर झाल मजिरा कस्टार बजुइया पट्निपाँटके डेख्नु । ओइनके जिवनिओर ढ्यान गैलस भिटा ओंगठ्के सम्झनु पौलिम पौवा चुट्रेरेम चप्टल भेगुवा उहे पुस्टा उरैटि कुड्गटि छोक्रा, झुम्रा, हुरडुँङ्गवा ओ सखिया नाचेम उलरलक् कत्रा सुहावन फुलरिया ?
घरक् ढुरिम चहुँरके चारुओर चिटैनु पघरि लागल थारु बस्टि उँहुँ! एक पाँर पानी भर्ना घटुवा, उहे घटुवामे टर्नि ओ बठिन्यनके बगाल हँस्टि फोहैटि ठेक्नेम् मुन्टिम् गगरि ठिलिया बोक्ले! ओइनके उ मैयाँ प्रेमके बाट ओनैटि पंजरि गुड्गुडाइ लागट् ? जारक् महिनम् पस्गा अगोर्ले ओ घामक् बेला सिट्टर छहुँरिम् जिन्गिम् भोगल टिट्मिठ् बट्कोहि असिन सुहावन फुलरिया ?
टोहार अस्रा खोप हेर्नु! रोज अंगनम् बेंराइल घारम् बैठल् बटिया हेरु ! घुरौरम् चहुँरके लेरिउच्याके हेरु ! टोहार अखोरि करल अटवा ओर उलिट्के हेरु! जाट्टिके टोहार बिना फुलरिया सुनलागे ? घरक चरुवामे गंछ्याइल डोना पटरिक् झिंरा, मकै, लस्नक् झोंठा झुलाइल टोहार हरचाली हेर्टि हर्टि सपनाइ लागू ! उ रंगिन सपनामे केवल टुँ रहो । कटना सुहाइल लागे उ फुलरिया ?
फुरेसे भिन्सरहि उठ्के टुहिन छाम्हुँ ! अपन आजा बुडुनके चिन्हा भौंका छिट्वा बोक्ले आगैलो कि? फुरेसे टुँ अपन आजि बुडिनके सोल्हासिंगार घल्ले आगैलो कि?
नाकटि टुँ सोचलसे ढेउर संपरके आइलो! अंढरिया राटिक् जोग्नि हस, भिन्सरिया टोरैंया हस, सकारेक् डँडुर घमौनि सर ?
फुरेसे टुँ नेनहर खेलके आइल लौलि हस ढेरे पहुरा लेके अइलो? ढिरेसे टुहिन सुहरैटि टोहार रुपरंग हेर्नु! गंछ्याके ढारल टोहारे पहुरासे फुलरिया अटना सुहावन ?
- संगम चौधरी
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