मनके आवाज || Manke aawaj

मनके आवाज || Manke aawaj

 

मनके आवाज || Manke aawaj


मनके आवाज


बाट आझ से ढेर बरस पहिल हो, मै अशोक चौधरीके गजल संग्रह मनके अवाज मे भुमिका हेर्ले रहुँ लिखुइया रहिट सागर कुश्मी उहे बेला से मै सगर के ओ किटाब मे छपल हुँकार फोटु से चिनजान हुइल रहे मने मनैया से अभिन भेंट नै हुइल रहि ।

सागर मोर नाउँ पटा ओ रेडियो घोडा घोडि एफ एम / खप्तड एफ एम से प्रसारण हुइना मोर भावना, गितिकथा सुनके मोर पछेरा लागल रहिंट काहुँन । पछेरा लागट लागट हमार २ बरस पाछे २०७२ मंसिर मे धनगढी क्याम्पस रोड मे रहल मोहराइन अपसेट प्रेस मे भेंट हुइली । हमार डुनु जहनके मन एक चो जसिक फेन भेंड करक लाग टरपे । मै सागरसे जसिक फेन भेट करम कहिके सोचल रहुँ काहेकि मोर मनेम साहित्य प्रति भारि रुचि जागल रहे मै जसिक फेन एक डु किटाब निकारके छोरम कना डौरमे रहुँ उहे जोसमे मै युवा जागृती के सहयोग मे अपन रचना युवा जागृती साहित्यिक पत्रिका मे छपाइक लाग भिरल रहि ।




किटाब छपैना कामेम डट्करल बेला मै सागर से भेंट कर्ना चहनु । हमार फोनमे बाट हुइल ओ सगर अपसेट मे अइलै हमार पहिला भेंट उहे क्यामपस रोड मे हुइल एक घचिक हम्रे अपन अपन हाल खवर ओ मनक बाट कर्लि । भेंट कर्ना मनटे बहुट रहे मने डुनु जहनके सँपार नै होके डु बरस पाछे भेंट हुइलि । उहे बेला सागर कलै मै अप्नेक सचना के खप्तड एफ एम मे सम्पर्क कर्नु मने उ चिट्ठी पत्र नै मिलल । चिट्ठी गितिकथा के रहे, उज्जर घुरघुट नाउक शिर्षक डेके एक परिवारिक प्रेम कथामे आधारिट रहे । एकठो गाउँमे छोटिसे खेल्टि रहल लर्का रठै ओइने छोटिहिं से संगे खेल्ना स्कुल जैना संगे खेना कबुकाल संगे सुट्ना फेन कर्ठै । उ लौन्डा लौन्डि भारि हुटि जैठाँ टर जोर्या नै छुट्ठैं । डुनु घर परिवारके  मेलमिलाप नै रलक कारन लौन्डिक भोज अन्टे करे लग्ठिन । लौन्डा से भेंट करे फेन नै डेठिन टब चिठ्ठी मार्फट लौन्डि लौन्डाहे जानकारि करैठिन कि मै इ डुनिया मे नै रहम अगर बजर जस्टि मोर भोज अन्टे करैना चहहि कले से । कुछ डिन पाछे लौन्डा उहे बगिया मे बैठल जहाँ उ लौन्डि से खेलिंट उहे रोज भोज रहिन । लौन्डा उ बराट लौन्डिक घरे ओर जाइट डेखट बाजा-गाजा बोलैटि सबजे रमैटि जैठै मने ओइन पटा मै रठिन कि का हुइना बा । जब ओइने डुल्हिक अंगना पुगठै उहे बेला लौन्डि अपन ज्यान डैडेठिन अगना मे बराट भिटर लौन्डिक लहास । बरे डुखके घट्ना रहट डुल्हि हे चमचमैना भोजहा घुरघुट ओह्रेना ठाँमे उज्जर घुरघुट ओरह्राइ परल रहिन । कथा अत्रेमे ओराइट । कथा ोअत्रे बाटाइ खोल रहे कि सबजे स्वत्रन्त से जिए पाइ परल ।




सागर सर से हम्रे पहिला भेंट मे बरे छोट बाट कर्लि मने महि भारि उत्साह जगाके गैले । मै सागर सर से लिख्ना मे बहुट जाँगर भेटैनु विभिन्न रेडियो मनसे गितिकथा प्रसारण हुइ लागल । रेडियो सुक्ला फाँता से थारु गितिकथा कार्यक्रम मनसे, रेडियो पहिचान मनसे, रेडियो डिनेस से, रेडियो महाकाली मनसे, रेडियो घोडा घोडी से, रेडियो खप्तड से टमाम कार्यक्रम मोर रचना प्रसारण हुइलागल । अस्टे करम मे    सागर सर से भेंट हुइलक एक बरस पाछे मै बेलौरी मे रहल रेडियो सुदुर संचार एफ एफ से गितिकथा प्रसारण कर्ना कार्यक्रम फुलरियामे मनके बाट कना चलाई लग्नु ओ उहे संगे   Yoitube च्यानल Fulariya music video खोल्लेनु । डिन चर्या अस्टे चल्टिगैल पहिले कथा कहानि अौरे रेडियो मे पठाके महिनौ सम अस्रा लागे परे टे आप अप्नेहे कार्यक्रम चलाई लागल रहुँ । खुशि लागे अपन लिखल ओ डोसर के कथा प्रसारण करे पाइल मे ।




साहित्य लेखन मे मै सागर सर से उत्साह पैटि गैनु ओ २०७५ मे आके एकठो अस्रा गजल संग्रह टयार करे पुग्नु जेकर भुमिका सागर कुश्मी लिख्ले बटेै ओहे साल मे डिसर कथा संग्रह लावा घर फेन तयार कैडेनु किटाब मे सागर सर भिमिका लिख्ले बटै । अस्टके सागर सर महि साहित्यिक यात्रामे बहुट साथ डेलै ओ नेगैलै फेन । मोर साहित्यिक बाबा कलेसे फेन सागर सर हुइटैं । सुख डु:खमे निरास मे उत्साह करुइया सागर सर हुइटैं । करिब पाँच बरस से धनगढी ओर  बसेरा सर्नु उहेबेलासे हम्रे आउर लग्गे होगैली । लग्गे हुइलि टे सागर से भेंट कर्ना आउर सजिलो हुइल सागर सर महि बहुट कुछ सिखैलै ओ सिखैटि बटैं । अनलाइन websit कोल्ना सल्हा फेन सागर सर डेलै www.fulariya.com जोन अब्बा चलैलि बटु । डस बरस भिट्टर सागर सर मै बहुट कुछ सिख्नु भेटैनु ।




सागर कुश्मी हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक के प्रकाशक/ प्रबन्धक/ कार्यकारी सम्पादक हुइटै । हरचाली अब्बा आठवाँ बरसमे चल्टा जोन बरस हरचालिक जलम हुइलिस उहे साल हमार भेंट हुइल रहे । आझ सम हरचाली के सक्कु अंक मोर संग बा । हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक से मै फेन साहित्यिक हरचाली करे सिख्नु ।

सासर सर के मजा बानी का लगल कलेसे मिलनसार, रमाइलो, एक्के घचिक रिसैना फेन मिलजैना । अपन सिख्ना ओ औरे जहन सिखैना उत्साह डेना सहयोक कर्ना मे पाछे नै हत्ना । टबे मारे सागर कुश्मी सर से मोहनी लाग्गैल बा । ओराइल । 




संगम चौधरी ....✍️

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