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घुम्ना करम मे || Ghumna Karam me


घुम्ना करम मे || Ghumna Karam me


घुम्ना करम मे || Ghumna Karam me



एक रातके बाट हो जोन मै सोच्ले नै रहुँ उहे होगैल । कोठामे सुटल मनै सक्कुजे सटर सटर निक्रे लग्लै सबजे कलकल कलकल करिंट । मै ठकल जिउ पठरि भेटैटिकिल घोल्ट्या गैलरहुँ एक घचिक पाछे बाजा बोले लागल मै सोच्नु इ का हुइलागल डुवारिम से झक्याके हेर्नू टे नाचट डेख्नु । बरे मजालग्लस संघर्यनके नाच नै डेख्लेरहुँ उ रोज हरे मिलल ।





बाट २०७८ के  हो । मोहराइन वइवसप्ट के हमार बगाल मंसिर २४ ओ २५ गतेक लाग संपार मिलाके खेले निक्रल रहि । कम्पनिक् प्रबन्धक् राम सर के टरफ से सक्कु बगाल डु रोज एक रात के लाग खेले गैल रहि । २४ गटेक् राट हो पुरुब ओर खेले जैना बा कहिके सुनैले रहिंट हाकिम सर साइड उहे हेर्नासक् मारे मनेम् छट्पटी लागल रहे । मनेम् खोब खेले कसिन हुइ उ ठाँउ कब विहान हुइ टे जाब कना अस्रम, राटसम निडेनै परल ओ अनुगुट्टि टिन बजे ओर निन् खुल्गैल, पठरिम् सुटल ओज्रार हुइना अस्रम् चिम्ठाइल पलारनु । करिब छे बजे ओर मै गारीवाला संघरिया करम लाल हे फोन लगाके कनु मै आब तयार हुइटुँ टुँ कब हुइटो ? हम्रहिन सात बजे अफिस ठन  रुक्ना बा । अस्तके ओरै संघरियन से फेन बाट हुइल हलहल टयारि हुइक लाग । सक्कु जे खुशिक् मारे हडबडाइ टहि । हम्रे जम्मा मिला २० जे रहि  सक्कु जे खुसि सब जे चिया पिके रमैटी गारीमे बैठलि ओ हमार शुभ यात्रा सुरु होगैल ।





बिहानिक आठ बजे ओर धनगढी से अतरिया से सोझे चिसापानी सोझरली । यात्राके करममे गारिक् भित्तर गिट गैटि बाजा बोजैटि यात्रा सुरु रहे । गारिक भिट्टर संघरियन रमैटि नच्टि रहिट इ सब डेख्के बरे मजा लागे । संघरीया मुकेश के नाच ओ गिट साराबगाल के ध्यान ओहेरे रहे गारी छोट हुइक् ओरसे हुइ नाचे नै बन्ना , टहुँ पर ढुकुरके पुठ्ठा हिलैना मे पाछे नै परिठ मुकेश सर । एक ऐश्वर्य मिस , अमृता मिस फेन फेन मुकेश संघरिया से कम नै, ठेहुनी गरौवर भिरजाइट । करिब १० बजे ओर चिसापानी मे बासी खेना ठाँउ पुग्लि, उहाँ फोटु खचाके, बाँसी खाके चिसापानीक रमझम पाछे , बर्दियक आरक्ष के आनन्द लेटी बर्दिया हुइटि हम्रे बाँके छिरगैली । जहाँ हमार लाग कलुवा बनैले रहिठ । कोहलपुर चौराहा से उत्तर गाभर भ्यालि थारु होमस्टे मे हमार लाग कलुवा बनल रहे । होमस्टे देख्ना बरे सुहावन रमैना मेरिक ठाँउ जातिक बरे सुघुर । भरखरिक् बैस भरल छैलि हस देख्टि मन खुस हो जैना मेरिक । 




हम्रे उ ठाउँ देख्के बरे खुसी हुइलि । होमस्टेक घरगोसिन्या मोडेल कलाकार सुनिता दहित भित्तर से निक्रलिन ओ हम्रहिन स्वागत कर्लिन । जस्टे घरगोसिनया ओस्टे घर सुग्घुर ठाउँ फेन । कलुवक टयारी हुइट सम कुछ बेर हम्रे घुम्लि ओ फोटु खिचैलि कोइ फोटु खिचाए ते कोइ टिकटोक बनाए । एक घचिक पाछे कुलुवा खाइ बैठलि जब हम्रे कलुवा खाई बैठ्ली टे अद्रिक -अद्रिक तिना आद्ये ढडेैलैे । आमिल आमिल अबरक अंचार,देख्तीकिल मुह रसागैल मोरिक् । ओहोर लोक्कल मुर्घिक सिकार, झिंगा मच्छीक् टिना ,घोंघिक टिना, मुसक् पकुवा, सुरिक सिकार, चत्कार चतनि खैलक् समझके टे अभिनसम् मुहेमसे लार चुहजाइट । कलुवा खाके हम्रहिन नेपालगंज पुगे पर्नारहे । हडबड हडबड कर्ती घरगोसिन्या सुनिता दहित से बिदा बारी लेके निक्रेपरल । करिब टिन बजे ओर हमे्र  नेपाल गंजके सुन्दर हेप्पि वोल्र्ड प्रबेश कर्ली, जहाँ प्रकृती के सुन्दर्ता मे रमाइ मिलल् । जातिके उ ठाँउ बहुत सुन्दर बा । उहाँ फेन हमार बगाल सुट करे भिर देलै । कोइ नाचे टे कोइ फोटु खिचाए । साँझ होगैल रहे मने उ ठाँउमे रमैनास लगती रहे, दुखके बाट टे हम्रहिन बसेरा लेहे जैना जरुरी रहे, तबे मारे बसेरा खोजे नेपालगंजके बजार ओर सोझरडेलि । झुसमुस अंधार होगैल रहे, बजार खेल्ना खोब मजा जुन हुइलक मारे हमे्र सल्हापारके चार पाँच जे बजार घुमे चल्देली । 




राटिक् करिब नौ बजे ओरिक् बाट हो, बेरि खाके सेक्के सक्कु जे अपन अपन सुट्ना कोन्टि ओर लागल रहि सुट्नास मन टे रहे टर सब बगाल नाचे पर्ना बा कहिके हाकिम सर कहे लग्लै  उ राट मै जोन सोच्ले नै रहु उहे होगैल । सब जे पुठ्ठा हिलैटि नाचे भिर्लि खुशिक बाट टे का रहे कि सब जहनके नाच हेरे मिलल । 


बिहान बागेश्वरि मन्दिर घुमे जैना रहे मै मन्दिर नै डेख्लक मारे महु जैना टयार हुइनु । उहाँसे निकरके करिब बिहानिक् नौ बजे ओर बर्दिया कोठियाघाट पुलहुइती जोन पुल १०१५ मि० नम्मा बा उहे पुल हुइटि टिकापुरिक पार्क पुग्ना रहे । भुलाइट भट्कट जसितासिक टिकापुर पुग्गैली, उहाँ गैली टे मनै अंटाइटनैहिठ् । सनिच्चर के रोज परलक मारे हुइ बरे भिर रहे बाजासे पार्क मन्कल रहे, असिन लागल कि कोइ डुलहिक् घर बराटी आइलटै हम्रे फेन एक घचिक रमैली ओ फोटु खिचैलि । ओहोर जोसीपुर के बनडिडि अस्रम बैठल रहिन् । थारु फुडल्यान्ड रिसोर्ट मे भेट करना बाचा रहे हमार । एक घचिक पाछे हमार गारि ओहोरे सोझर डेहल । झुसमुस साँझ हागैल रहे जब उहाँ पुग्लिटे लौलि बनडिडिक् घर अंगना फुलै फुलाले सजाइल, चारुओर बिजलि लागल रहिन, उहे फुलक् बिच्चे उ मुस्कि मरटि बैठल रहिन । पालिक पाला  सबजे हुँकार सँग फोटु खिचैलि । कुछ घण्टा उहे फुलरिया मे घुमगैलि रमागैलि सबजे । दु:खके बाट टे उ बनडिडिक् अंगनम्से निकरनास मने नै रहे । मने का कर्ना, मिलन पाछे बिछोड् जरुर बा कहेहस उ लौलि बनडिडिसे बिडा लेके  आइ परल । ओराइल ।


संगम चौधरी...✍️

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