भलमन्सान अंगना सुनसान रहजाइट

भलमन्सान अंगना सुनसान रहजाइट

भलमन्सान अंगना सुनसान रहजाइट


कुछ बरस पहिलक बाट हो डसिया हे हेर्ना बरे मन लागल रहे काहेकि नम्मा सयम टक गाउँ भवाइल लागे सुन लगे । 


कोरोना माहामारिके कारन सक्कु मनैनमे डु:ख ओ डर फैलगिल रहे मरैना टे डुरिक बाट हो । बाट २०७८ ओरिक हो कोरोना सारा डुनिया हिलाके गैल रहे मनै मनैन से डरैना बेला  रहे राहरंगि कर्ना टे डुरिक बाट हो ना मजासे भोज करे पैना ना संगे बैठके खाइपिए पैना एक डोसर हे डेख्के खरक्के नेङना डिन रहे । अपन नाटपाँटन से भेंट कर्ना फेन जाइ नै पैना, जैना टे बरे डुरिक बाट हो कोइ मनै घरेम आनाजाए कना डर रहे, कि कहुँ कोरोना लेके आइल बा कि कना डर हुइना । 




माहोल अस्टे रहे मने सब जहनके चाहना रहे इ रोग हलि भागे कना ओ सक्कु ओर सान्ति आए कना । घरेम रहट रहट मिच्छावन लग्ना नेङनास घुम्नास लग्ना मने कहाँ जैना कसिक जैना जाउँ कलेसे अपनमें फेन कोरोना सिल्गि कि कना डर ओ औरे जे फेन कोरोना फैलाई आइल बा किहिके डराके  डुरे भग्ना इहिसे टे घरहिं पलिरना ठिक । 




माहोल सान्ट हुइटि गैल ढिरे ढिरे पुट्ठा हिलैटि घरक केवार पकरके मनै झक्याके अङ्गना ओ गल्लिओर चिटाइ लग्लै । संपरके ढिरे ढिरे परोसिन घर खेले जाइ लग्लैं ओ अपन मनक डु:खी भावना ओ जिन्गिक कहानि सुनाइ लग्लैं । गोटगाट ठाउँ घिल्टुङ घिल्टुङ मन्डरा बोलट फेल सुन परे लागल, भल्नमसान अंङ्गना ओर डशैहिया पैया लगुइयन पट्निपाँट नेंगे लग्लेैं। कोइ लहंगा चोलिया मे टे कोइ गोनिया चोलिया घालके संपरके छोक्रा झुम्रा सखिया नाचेम पुट्ठा डुम्कैटि कुम्हा चम्काइ लग्लैं । मंडरिया काकु उलर उलर मंडरा बोजाइ लग्लै गित गउइया ठोप्रि मार मार के उलरे लग्लै । 




भलमन्सा, बरघरिया, महटावा ओ गुरुया ढरहरिया ओइन हे टीका लगैना सुरु होगैल रहे । माठेम टीका कानेम झोटिम जेउँरा घालल बरे सुहावन ओ सबके मुहार मे खुशि डेखा परे लागल । ढुमढाम से भोज काज मे बाजा मागर गित मन्के लागल । जहोेर टहोर मेला, महोत्सेसव, मिनार लागे लगल । चेलि बेटि लैहर पहुनि खाइ जाइ लग्लै, लौला डुल्हा ससरार जेउरा लगाइ जाइ लग्लै । खुशिक बाट टे काबा कलेसे  छोट रहलमे डसिया आए टे लावा लावा लुगरा घालके मामन घर जाइ मिले । बरे रमाइलो लागे ढिक्रि पुजट मुर्घि पुजट डेक्के । सक्कु ओरसे नाटपाँट जुटिट गाउँ चैनारे लग्ना एक और डशैहिया नाच टे एक ओर ओजरया रात मे आउर मजा लागे । 




अभिन फेन याड आइट एक बगाल बडरियामे  अंङना भरल नचुनियन  रहर लग्टिक रना । सखिया नाच घाम जार ठिक्के सिजन मे ओ संपार रहल बेला नच्ना रलक मारे अस्टिम्किक् फरहार पछे नाचे भिरजिना सखिया नाच कन्हैया के लिला ओ पांन्डव ओइनके जीवन कहानिक गित मे पूरा हुइट । सखिया नाच थरुनके सबसे लम्मा नाचकहिके फेन कहिजाइट । सखिया सामुहिक नाच रजक मारे मंडरिया नचुनिया ठंरिया बठिन्या के हगिर सम्बन्ध फेन करैना करट । अबक जमनामे सखिया नाच नै नच्ना के कारन गाउँमे मंडरिया, ओ गित सिखुइया नै हुइकल बाट सुन परट । नचुनिया टयार बटै मने मंडरिया नै हुइटैं । कहुँरो गित गउइया मोह्रिन्या बटै टे नचुनिया मंडरिया नै हुइटै । कहुरो नचुनिया मंडरिया  बटै टे मोह्रनिया नै हुइटै । मन टे लागट डसियामे सखिया नाच हेर्नास मने का कर्ना हो नाचक् बटिया हेरट हेरट डसिया ओराजाइ । भल्मनसान अंङना सुनसाने रहजाइट ।




संगम चौधरी ....✍️

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