यात्रा साहित्यके

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हिटवा राजाके बट्कोहि ओनाइक लाग यहाँ किलिक करि

यात्रा साहित्यके


यात्रा साहित्यके रहे हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक के प्रधान सम्पादक सागर कुस्मि से जोस उत्साह पाके भुख्ले प्यासे अस्रा गजल संग्रह के प्रकासनके लाग सहयोग मङटि नेगल रहुँ ।


यात्रा साहित्यके


बाट आजसे ५ बरस पहिलक हो । २०७५ जेठ ओर मोर डौराढुक रहे । जिन्गिक एकठो चिन्हा छोर्ना लक्ष्यमे २/४ रुपया बिटोर्टि नेगल रहुँ । रहर रहे मै बहुट मेहनट करकेबरे छोट समय मे ६० ठो गजल टयार करे सागर सर से गजल निकर्ना सल्हा लेनु । गजल पहर्ना महि बरे मन परे, गजल के एक एक शब्द मोर मन छुलेहे मै सोचु अगर मै फेन गजल लिखे जन्टु कलेसे महुँ किटाब निकर्टु । मोर रहर टे २०७० साल ओरसे सुरु होगैल रहे जब मै अशोक रस्टेह्वा के मनके अवाज मोर हाँठेम परल । मनके अवाज मोर मनमे मन्के लागल कि महु एकठो किटाब निकारके छोरम । इहे बेला मै अपन कलम गजल के डौरैना सुरु करडेनु तर किटाब निकर्ना क्षमता नै रलक कारन मै संघर्नसे सल्हा लेके बार्षिक साहित्यिक ख्रष्टियन पत्रिका निकर्ना सल्हा लेनु । मोर बाट से संघर्यन राजि हुइलै ओ महि पूरा सहयोग डेहेलग्लै । बरे छोट समयमे हम्रे इ किटाब निकर्ना आँट कैलेलि । बाट २०७२ कार्टिक/ मंसिर ओरिक बाट हो हम्रे पुस्टक के लाग विभिन्न लेख रचना संकलन कर्ना सुरु करडेलि । युवा जागृटि कैलाली कंचनपुर कार्य समिटिक सहयोग मे हम्रे विभिन्न चर्च पास्टर अगुवा बिश्वासिन से सहयोग उठैटि नेगे लग्लि । 




मंसिरके महिना रहे पौष १० गते ख्रिष्टस डे रहे हम्रहिन ख्रिष्टमस से पहिले टिकापुर से कंन्चनपुर बिभन्न ठाउँक चर्च मे इ शुभकामना भरल किताब पुगैहि पर्ना रहे उहे मारे हम्रे बरे हटारमे किटाब निर्कना कोसिस कैलि । किताब सेटिंग टाइप कर्नासे लके ढेर काम हुइलक मारे भारि चिन्टा फेन रहे । मै विभिन्न पास्टर अगुवा बिश्वासि परिवार से हसयोग उठैटि गैनु अस्टक महि पूरा सहयोक करुया युवा जागृटिके अधक्ष्य गोविन्द चौधरी अस्टके मिस बिनिटा चौधरी अस्टके संघर्या पदम चौधरी मोर भर्वा उठैना मे भारी सहयोग कर्लैं । याद बा उ रोजके मंसिर के महिना ठोर ठोर जार रहे हम्रे आब किटाब निकारे पुग्ना रकम जुता सेकल रहि बाँकि किटाब किर्ना ढिल रहे उहे मारे प्रेस मे काम करुया कम रलक मरे हम्रे चार जे प्रेसमे संगे रात भर जागके किटाब सेटिंग मे सहयोग कर्लि इ बाट भुलाइ नै सेक्ना बनल बा । मै सम्झना चहटु मोर सक्कु सहयोगी पास्टर, अगुवा, मण्डली लगाएट बिश्वासि परिवार हुकन ओ ढेर सर माया सम्झना । हजुर ओइनके कारनसे हम्रे युवा जागृती नामक ख्रिष्टियन साहित्यिक पुस्टक निकारे सेक्ली । 




सागर से मोर पहिला भेट उहे २०७२मे युवा जागृती के पुस्टक निकारे वर हुइलस । सगर महि बहुट कुछ उत्साह डेके बिडा हुइल रहिंट । उहे उत्साह से मै एकठो किटाप निकर्ना अस्रा करे लग्नु ओ किटाब निकर्ना सामा करे लग्नु । करिब डोसर बरस मे मै अपन किटाब निकर्ना पूरा टयारि कर सेकल कहुँ ओ सगर के छोटमोट गजल टालिम लेके मै कनु आप कुछ महिना मे गजल संग्रह निकारम । मै बहुट अस्रा लग्लक मारे ओ सफल हुइलक मारे किटाब के नाउ फेन अस्रा ढारके सागर के सम्पादक मे २०७५ जेठ मे किटाब बिमोचन हुइल । आज फेन मै अपन नेगल घुमल फोटु डेख्टु उहे आँस गिरैटि, भुख्ले प्यासे घाम पानि सगके साकिल मे नेग्लक याड झलझली आइट । फेन से सक्कु मोर आत्मिय सहयोगिन सम्झटी  ओल्टार हुइटुँ । 




संगम चौधरी ....✍️

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