गाउँमे लगाइल माया || Gaume lagail maya

गाउँमे लगाइल माया || Gaume lagail maya


"ओस्टके इ कथामे हरेक मनैन्के कुछ करुँ कना चाहना रहठ । कुछ मजा काम कैके डेखाउँ कना चाहना रहठ । कुछ मजा काम कैके डेखाउँ कना सोनियाके इच्छा रठिस लेकिन घरक् मनै साथ नैडेके ओकर सारा सपना चकनाचुर होके माटिमे मिल्जैठिस ।"

गाउँमे लगाइल माया || Gaume lagail maya


ठारु बस्टी पघरी लागल घर रहट । उह फेन हर घरक अंगना जोरल । सोनिया ओ सुरज के जोरी झनै सुहावन । बचपनसे सँगे स्कूल जैना । एक जे नैगिले से औरे फेंन नैजिना । अचम्म मानिन सबजे सुरज ओ सोनियाके सम्बन्ढ डेख्के । सँगे स्कूल जैना सँगे खेल्ना, सँगे छेग्री चह्राई जैना करिट सोनिया ओ सुरज । जहाँ फेंन एक डोसर बिना नैजिना, गैलेसे सँगे जैना करिट । एक डोसरके साठ चाहिन ओइनहे ।



सोनिया ओ सुरज भारी हुइटी गैल ओस्टक ओइनके जिन्डगीक् योजना फेन फरक हुइटी गैलिन । ओइनके हस्ना बोल्ना, खेल्ना, नेङ्गना सब फरक हुइटिगैलिन । सोनिया ओ सुरज के जिन्डगी फेन एक प्रेमजोडीके नाटकमे बिटल रहिन । बुक्री भाडाँ खेले बेर सुरज डुल्हा बन्ना ओ सोनिया डुलही । एक प्रेम जोडी, एक असल पटनी बन्ना करिट । एक डोसरके साठ डेलक सँग सँगे काम करलक । बोली बचनमे आडर सम्मान । ओ सुन्डर परिवार म एकठो सन्टान जन्मलक । ओ असल रेखडेख करलक । सोनिया लर्काहन बोकु लेक काम करलक ओ डुढ पिओइलक । एकठो छोटीमोटी सुन्डर झोपरी बनाके बुकरी भारा खेल्ना करिट सोनिया ओ सुरज ।




सोनिया जस्टक भारी हुइटी गैली ओस्टक हुँकार सुन्डरटा बहर्टी गैलिन । सोनिया डेख्नामे बरा सुग्घर रही । सोनिया जस्टक बैसन हुइटी गैली हुँकार रुप रंग डेख्के छक्क परिट सबजे । टर सुरज ओ सोनियाके प्रेमके बन्धन कोइ टुरे नै सेक्ले रहित । सोनिया ओ सुरजके ओहे जोडी रहिन जोन बचपनमे रहिन । सोनिया ओ सुरजके बचपनके जोडीमे सबजे खुशी रहिट तर जब जवान हुइलैं टे उइनेके जोडीमे सबजे जरे लग्लैं । अभिन विभिन्न बदनाम करे लग्लैं । अनेक बहाना कर्के सोनिया ओ सुरजके मैयामे बाधा पुगाइ लग्लाँ । 


सुरज ओ सोनिया के बचपनके जोरी (सम्बन्ढ) भारी हुइलकमे टुर्ना कोसिस करटहिन सबजे । हँस्टि रमैटि रहल डुई बीचमे आँशके लडिया बहाडेला । सुरज ओ सोनिया हे छुटैना अनेक बहाना लगाई लग्ला । सोनिया ओ सुरज शरीरके सास नै छुटट सम सँगे रना, एक डोसर हे साठ डेना कसम खासेकल रहिट । एक डोसरसे कोई अलग कराई नै सेकी कैक, यडी कराई कलेसे केवल मृटयु कैक कसम लेसेकल रहिट ।




डिन समय बिट्टि गैल सोनिया ओ सुरजके पलपलके जिन्डगी टरप टरपके गुजर टहिन । एकपल रहे नै सेक्ना होगैल रहिट । टर मजबुरीसे अलग हुइपरल रहिन । सुरज से सपना हे डुर करैना एकमात्र कारण रहिन सुरज गरिबीके कारण पह्रे नैसेकल रहिट । सोनियाके आफन्ट सोनिया हे कना करिन, “सोनिया सुरज गरिब बा कसिक पाले सेकी टुहिहे, कसिक टोर चाहना हे पूरा करे सेकी । कसिके टुहिहे खुशी डेहे सेकी । खुड ओकर खाइ नै पुग्ठिस । अपन जीउ पल्ना कर्रा बटिस टे टुहिहे कसिक पाली । ना पह्रल हो ना कौनो कमैना डगर काकरे सेकी सुरज कैक सोनिया हे सुरज से अलग करैना बहुट प्रयास कर्लिन ।


“यी समाज फेन कसिन कुछ कर्ना हौसला डेहक छोर्के उप्परसे ठिचठ । डगर डेखाईक छोर्के आउर मस्ना काम करट । साठ डेहक छोर्के आउर सम्बन्ढ टुर्ना काम करट ।”




सोनिया ओ सुरज हे जत्रा रोके खोज्लै टर कोई नैसेकल । सुरज ओ सोनिया उ गाउँ छोर्के निकर पर्ला अपन प्यारके संसारमे । एक परेवाके जोरियाहस् । सँगे घुम टहिट हाँस टहिट, खाई टहिट । टर ओइनके पाछे-पाछे चिल, कौवा, गिडार, बाघ, भाल जसिन सोनियाके आफन्ट छुट पर्ला खोजे । आखिर छिनके छोर्ला सोनिया ओ सुरजके खुशी । ओइनके जिन्डगी टहसनहस पार्के छोर्ला । सारा कुछ लुटके छोर्ला सोनिया ओ सुरजके । सोनिया हे लैजाके एक कोठा मे बन्ड कर डेलै । सुरज एकओर टरप टरपके जि टहिट कलसे सोनिया एकओर । सोनिया पिंजरक भित्तर ठुनल मच्छी जसिन छटपटा छटपटाके आँशके घुट्का पिके जीअ टहिट । 


भेट कर्ना माढ्यम ना टे बाट कर्ना । एक ओर सुरजके बेहाल रहिन कारण सोनियाके भोज औरे जहन सँग कर्ना सारा योजना मिला सेकल रहिन । एकओर सुरज सोनियाके कहल बाटसे पालहस रहिट । सोनिया कले रहि सुरज यदि टोहार हुइ नैपैम कलेसे मोर डोली नाहि लास उठी । मोर अंगनामेसे सोनिया कैके कले रहि । सुरज यहे बातसे टर्पिट कारण सोनियाहे कैसिक बचाउँ कहिके । सुरजके दिल टुक्रा टुक्रा होसेकल रहिन । काहके कि सोनिया सुरजहे सच्चा मैया करिन् । अचानकके भोज अंगनामे ना पंटङ ना बाजा पूरा सुनसान । सबेजे हडबड हडबड करिट । सुन मिलठ बरात लेके सोनियाहे लेहे दुल्हा आइटै कहिके । एकघचिक पाछे सुनमिलठ सोनिया आत्महत्या कैडेलि । एकओर बरात एकओर सोनियाके लहास । यि घटनासे सारा टोल खहलबहल होगिल । आखिर का हे इ सब करटहिट सोनियक घरक मनैं । बस उहे ना अप्ने ढनी ओ भारी मान ईज्जट रहल परिवार रहिट । टर अपन सन्टान सोनिया के खुशी छिन्ना कारण । सुरजके गरिबी ओ अशिक्षिट के कारण । 


संसारमे कोइफे ढन सम्पत्ति लेके नै आइल, ना टे यहाँसे लैजाइ सेकी । मनैनके किस्मटके खेल हो । यहाँ गरिब करोडपटि बने सेकट कलेसे करोडपटि रोडम गिरे सेकट । मान ईज्जट, सम्मान भलाईसे आइट, बुराईसे नाहीं ।




आखिर सोनियाहे नास कराके छोर्ला ओइने । सोनिया अपन भोज जबर्जस्टी औरे जहनसे कर्ना बाट सुन सेकल रहि । एक ओर सुरज सोनियाके प्यारमे पागल हस होगिल रहिट । सोनिया सुरजहे कले रही “सुरज मै केवल टुहाँर हुँ, केवल टुहाँर, टुुहाँर सिवा केक्रो फे नाइ ।” सुरजके कानमे केवल यह शब्ड गुन्जटि रठिन ओ छाटी चिरेहस कर्ठिन, कारण सोनिया हे कसिक बचाउँ । सोनियक् बिना ठेगानके भोजसे सबजे अचम्म मानल रहिट । हर कोइके मनमे प्रश्न अइना स्वाभाविक बाट हो । आखिर काहे सोनियाके भोज अचानक ? टर सोनिया यी डिन डेख्ना नै चहली । सोनिया हार खासेकल रही यी स्वार्ठी समाजसे । एक पशुके व्यवहार कर्वा पाके सोनिया खिन्न होसेकल रही । सोनिया स्वटन्त्र जिना चाही जिन्डगीक लक्ष्य बनाके टर सारा खुशी छिन सेकल रहिन सोनियाके अपने घरक परिवारसे । अन्टिममे सोनिया अपन जीवनके अन्ट अपनहे करे पुग्ली । आत्महत्या करे पुग्ली स्वार्ठी समाजके सोंचसे डिक्क होके । 


यी कैसिन समाज ना हाँसे डेहट ना खाई डेहट, ना सुखसे जिए डेहट । आखिर यी सब काहे केवल यहे कारण ढन सम्पत्ति ओ शिक्षाके कारण । यडि कोइ उटसाह, हौसला पाइट कलसे अवश्य एक डिन सफलटाके शिखर चुमठ जिन्डगीक सफरमे ।


सुरज सोनियाके बिना अकेली उहे ठाउँमे बैठल सारा कुछ सम्झटी रठैं । घायल डिलके पीडासे आँखी आँशले भरल रठिन । उहे सोनियासे बिटाईल डिनके याड करटी रठैं । जोन सोनियाके सँग खेल्लक, हँस्लक, रमैलक ओ माया प्रीटिके ऊ पल । सोनिया सुरजके कोनामे सुटके, सुरज आई लव यू कलक ओ माया करके चुम्बन करलक उ पल । सुरज हे झलझली याड आइ टहिन । सोनिया डुलही बन्के सुरजके सँग सुटके बाट करलक । चुन्नी ओहोरके घुरघुटके भित्तरसे मुस्कुरैटी रहल सोनिया के ऊ मुस्कान सुरज हे झस्कैटी रठिन । सुरज उहे ठाउँमे बैठल रठै जहाँ बचपनमे बुक्री भारा खेल्ना करिट । कत्रा रमाइलो रहिन बचपनके उ पल । सँगे स्कुल गैलक, सँगे छेग्री चहै्रलक, हँस्लक, रमैलक याड अइठिन । अचानक झस्के पुग्ठै सुरज । टर सब कुछ बडलगिल रहिन उ डिन, उ समय केवल याड रहगैन रहिन ।






साँझ होगिल रहट । डिन बुरक लाग बरे भारी लाल-लाल हुइटी जाइट । चिरैचुरुङ्ग बसेरा लेहक लग अपन अपन ठाउँ ओर लागे लग्ठाँ । सबकुछ अपन ओरसे बिडा लेटी रठैं । डिन फेन बुरे लागल हल्का बड्री मे ढिरे ढिरे नुक्ना शुरु करे लागट । झुसमुस अन्ढार हुइटी जाइ टहे । सारा ओर सुनसान हुइटी जाइ टहे । उहे फँटवामे लडिक किनारे बैठल सुरज अकेली टहिट ।


सोनिया सदाके लाग बिडा लेके गैसेकल रही । सबकुछ बडलगिल रहे । साँझ होगिल रहट सटर सटर सोनियक घरेमसे मनै निक्रे लग्ठै । सँगे सोनियक मृट शरीर निकरठै । सोनियाके जिन्डगिक् अन्त डाह संस्कारके सँगे सूर्य फेन बिडाई लेटी रहे । सोनियाके चिटा टयार होगिल रहिन । चिटामे सुटल सोनियाके मासुम चेहरा, असिन लागेकी सोनिया निडाईल टी । हँसिलो अनुहार जैसेकी सोनिया सपनामे डुबल टी । उहे सुरजके । टर ओसिन नै रहे सोनियाके सब कुछ बन्ड होगिल रठिन । ऊ डिलके ढडकन, जो कना करी सुरज टुँ मोर डिलके ढडकन हुइटो । ऊ आँखी बन्ड रहिन, जो कना करी सुरज टुँ हरपल मोर नजरमे रना कर्ठो । सोनिया कना करी सपना मे टुँ मोर सँगे रठो ओ विपनामे मोर मनमे ।


समय ओरागैल रहे ओ ढिरे से सोनियक अनुहार उज्जर घुरघुटसे छोपडेठिन । एक घचिक पाछे सोनियक चिटामे आगी लगाडेठैं । आगी अपन टेजसे बरे लागट । ऊ करिया ढुवाँ घुम्टी आकाश ओर जाइट । सुरजहे सोनियके कहल बाट याड अइठिन । सोनिया कना करी “सुरज मही आगीसे बहुट डर लागट । यडि मै मुजिम कलेसे आगीसे नाजरैहो ना । सुरज यी बाट से सोनियक चिटकार सुनेहस कर्ठैं । आगीमे जरटी रहल सोनिया चिल्लाई टी “सुरज–सुरज पिलिज मही निकारो पिलिज सुरज कैक । सोनिया चिल्लैटी जसिन । सुरज अप्ने आपहे बहुट कमजोर महशुस करटी रहिट । 


सोनियासे करल बाचा पूरा करे नैसेकल ओ सोनियासे बनाइल जिन्डगीक् सपना सब अच्कचरे होगैल रहिन । सब कुछ अढुरा होगिल रहिन सोनियाके । भुवा बनगैल रहिन सोयिनक शरीर । सोनिया ओ सुरजके सारा सपना अच्कचरे रहगिल रहिन । सारा बाचा कसम अच्कचरे रहि गैलिन ।




सोनिया सडाके लाग बिडा लेके गैसेकल रही । हुँकार शरीरके अन्टिम यात्रा उहे चिटा सम्म किल रहिन । सुरजके आँखीम सोनियाके बर्टी रहल चिटा औ सोनियक कहल एक–एक बाट याड आइटहिन । सोनियक यी संसारसे बिडाके पाछे सुरज पागल हस होगैल रहिन । जब सुरज अपन पैला सर्ना चहलै टे पैला फेन नै उठटहिन । सोनियाके भुवा बनल दृश्य और सुरज बार–बार घुमके हेर्ना करिट । सुरजके डिल सब टुटगैल रहिन । सुरज अपन पैला आघे सर्ना प्रयास करटहिट । सुरज अपन मनहे ठामके घरेओर लग्लै । घरे आके फेन केवल सोनियाके याड राट डिन अइना करठीन ।



कुछ डिन पाछे सुरज फेन ओहोर जा पुग्लै, जहाँ सोनियाके सँगे बैठके बाट कर्ना करिट । उहे ठाउँमे सोनिया के लुग्गा, कपरा ओ सारा सामान फेकाइल रहिन । उहे सामानमे सुरजके पठाई (डेहल) पहुरा फेंन रहिन । सोनियाके पह्रल किटाबसे लेके सारा कुछ उहे फेंकाइल रहिन । जब यी सब सुरज डेख्लै टे फेंनसे बिटल पलके याड झलझली आगैलिन । आँखिमसे आँशु गिरे लग्ठिन । सुरज ऊ ठाउँ ओर ढिरेसे पैला सरठै । ओ एकठो सुन्डर, डायरी उठैठाँ । जो डायरी सोनिया अपन हाँठले सजैले रही । अपन जिन्डगीक् भावसे सजैले रही ।


सुरज डायरी हेर्टी गिला, जोन डायरीमे सोनिया सारा मनक बाट लिखल रही । सोनियाके पीडाके चिटकार । पीडिट जिन्डगीक मनक सारा बाट डायरीमे लिख्ले रही । सुरज डायरी हेर्टी जैठाँ जहाँ पूरा आँशुके बुँडाले भिजल रह जोन जिन्डगीक अन्टिम डिन लिखल रहिन ।


सोनिया लिख्ले रही 


“सुरज मै टुँहार सोनिया"

सुरज याड आइट मही उ पल जब हम्रे बुक्री भारा खेले बेला टुहाँर डुलही बनलक ओ टुहाँर जीवन साठी बनलक् । टुहाँरसँग बिटाईल हरपलके याड मही सटाईल । सुरज डुनियाँ हमार प्यारके डुश्मन बनल । आखिर हमार गल्टी का रहे हम्रे प्रेम कर्ले रही केक्रो नोक्सान टे नाइना । आखिर काहे हम्रहिन असिन सजाई हुँ सुरज ? काहे ? केवल उहे ना टुँ गरिब बटो, टुहाँर महल घर नै हो टबे ना ? आखिर कहाँ लिखल बा कि गरिब ओ ढनी मे माया नै कर्ना ओ भोज नै कर्ना । कहाँ लिखल बा गरिब ओ ढनी मे माया फरक फरक रहट कैक । कहाँ लिखल बा कि गरिब मे माया के कमी रहट कैक । आखिर मही यह कारण कोठामे बन्ड करले बटैं । टुँ गरिब ओ अनपढ बटो कैक । सुरज मायासे भारी सर्वोत्तम और का चिज बा झे ?

सुरज मै महिनौ डिनसे कोठामे बन्ड कर्वा पाइल बाटुँ । एक पिंजडामे ठुनल पंछी जसिन छटपटा छटपटाके टुँहार मायामे, टुँहार आशामे आज सम्म जिअल बटुँ । सुरज हमार भेंट हुइट कि नाई पटा नै हो । मोर लाग औरे लवन्डा खोज्के पठैना सुन्ठु । सुरज मै केवल टुहाँर हुँ टुहाँर सिवा केक्रो नै । सुरज यडी असिन हुई कलसे सायड मै बहुट डुर जारहम यी डुनियाँ से बहुट डुर । सुरज बाचा करो यी ढनी गरिब, जाटीय भेडभाव डेखाके हमार जसिन जीवन साठीहे अलग करैना हुकने मनमे इ सोंचाईके अन्ट कर्ना । यी प्यारके डुश्मन हुँकन अन्ट कर्ना । बाचा करो सुरज बाचा करो । मै टुहाँर मनके रानी सोनिया ।




सुरज अत्रै का पह्रे पाईल रही । अचानक सुरज कना आवाज आइल । सुरज झस्के पुग्ठै ओ हाँठेमसे ऊ डायरी गिरे पुग्ठिन । सुरज आवाज अइलक ओर घुमके हेरेबेर ठारु पहिरनमे सजल सोनियाके बाबु सिला रही । सिला सुरजके लग्गे आके हुँकार छाटिम चपटके कठी सुरज आई लव यु मै डेम टुहिन साठ । डिडी हे टे टुहाँर हुई नै डेला मै बनम टुहाँर जिन्गीक् जोरिया । कोई नै सेकी रोके हम्रहिन हे आप । चलो जाई घरे आप हम्रे लावा घर परिवार शुरु करप । डुनुजे उहाँसे घरेओर लग्ठैं । ओराइल  ।


संगम चौधरी....✍️

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