बिछाके नम्मा सांस || Bichhodke Namma Sash

बिछाके नम्मा सांस || Bichhodke Namma Sash

 "इ कथामे एकठो लवन्डी अपन जिन्गीक् डगर भुलाके दुःख पाइल कथा बा ।"


साँझ परट ढिरे ढिरे अंढारफेन हुइटि जाइट । राट छिप्टि जाइट । गाउँ सुनसान हुइटी रहट । डगरमे नेङ्गना मनैनके कमि हुइटी रहट । जहोर टहोर कुक्कुरके भुकाई ओ रुवाई सुन परट । बनुवा ओर गिडारिनके बगाल बोल्ठै । सब मनै अपन-अपन कोन्टि ओर लागजैठैं ।


बिछाके नम्मा सांस || Bichhodke Namma Sash


सपना फेन अपन सक्कु काम उसारके सुटना कोठा ओर लग्ठिन । पठ्री बिछाके नम्मा सास लेटी पठ्रिम सुटलि । एक ओर जुगुर-जुगुर बर्टी रहल डिया हे हेर्टी रही सपना । आँखी भर आँस भरगैल रहिन । डुनु आँखिक कोन्वा ओरसे आँस बहटिहिन । बरे गहिर सोचमे डुबल रही सपना । सायड बिटल डिनके याड आइटहिन सपना हे । सुनसान कोठम् पठ्रिम अकेली एहोर ओहोर करोट लेहटही । अपन सुटल कोठामे चारुओर नजर घुमाईटही । घरी अपन सुरमे घुम्टी रहे । आढा राट होजाइट सपनाहे निड नै परठिन । सपनाके नजर किरणके फोटो मे परठिन । सपना झलझली सम्झठी किरणके सँग बिटाईल डिन ओ अपन बचपनके याड ओ जवानीसे लेके किरणके सँग रहल ओ विछोड हुइल सम्म डिनके ।




सपना सुखी परिवारमे जन्मल लौन्डी रठि । डाई बाबा डाडु भैयनके मायामे हुर्कल । परिवारमे अकेली बहिन्या रही । कुछ कमि नै रहिन सपनाके । ज्या चहलेसे सब चिज पुरा कैडिन सपनाके । डाई बाबा डाडु भैया सबजे यह सोचिन कि एक डिन टे पराई घर चल जाई सपना । जब सम बा टब समकिल टेहो, इही हे डेना ओ खुशी करैना । पाछे कब मिलि कैक सपनाके हर माग पुरा करिन । जहाँ घुमे जैना मन लागिन उहै जाई पैना । बहुट रमाइलो रहिन जिन्डगी सपनक् ।



सपना डेख्नौस बरे सुग्घुर रहिन । सब चिज मिलल ठिक्के परल जीउ, साँवरमे सवारल रही सपना । कजरार आँखी हेर्टी सुहावन । सुन्टि मजा लग्ना बोली नरम मिठास । हाँस हाँसके बटवइना हुँकार चाल टे झनै मजा रहिन । सपना हे डेख्के हुँकार रुपके प्रशंसा करुइया के कमी नैरहे । सबजे सपना हे डेख्के खेल्वार करिन । सपनाके रुप रंग चालसे सब डिवाना होगिल रहिट । सपनासे सँगे बैठके बाट कर्ना खैना घुम्ना चाहिट हर कोई । बैस भरल जवान सपना सारा जहन अपन उप्पर मोहिट कैले रही । सपना विपरिट लिङ्गिनसे आकर्षिट होके ज्याडा समय ओइनसे बिटाई लग्ली । यी सब क्रियाकलापसे सपनाके घर परिवार सपना बिगरटा कैके हुँकार भोज किरणकेसँग करडेलिन । टर सपनाके बानी नै छुट्लिन । किरण सपनाके चाली बानी जानके फेन माया करके श्रीमानके असल भूमिका पूरा कर्ना सोंचिट । कबु काल टे यी सब डेख्के किरणहे मजा नै लागिन ओ सपना हे सम्झैना करिट टर सपना रिसाके जवाफ घुमैना करिट मै का करटु मही पटा बा, मही अपन जिन्डगी खुड बनैना बा । मही स्वटन्त्र जिना अढिकार बा कैक रिसाके जवाफ डेना करिट । 




किरण सपनाके बाट क्रियाकलाप हुँकार चाली बानी से कपार झुक जाइन, लाज करैले रहिन । घरे आके सपना हे सम्झैना प्रयास करिट, उल्टै सपनासे डुईचार बाट कहुवा मिलिन । किरण कुछ करे नै सेक्के चुपचाप कोन्वामे जाके रोइना करिट । 


डिन अस्टे बिट्टि रहिन किरणके । सपना अपन डुनियाँमे मोजमस्टी कर्टि नेगटहिन । बिहानिक निकरल साँझके घरे अइना । घरक सारा काम किरण कर्ना करिट । खानपिनसे लेके भन्सा कर्ना ओ सपनक् ओ अपन लुग्गा ढोइनासे लेके घरक सारा काम किरणके हाँठेम रहिन । सपनाहे केवल अपन ख्याल रहिन । अपन सुटना कोठा हे सजैले रही । कोठक चारुओर अड्रिक अड्रिक फुला, टेबुलमे अड्रिक अड्रिक ब्राण्डके क्रिम ओ श्रृंगारके सामानले भरल रठिन । डैजाहा अपन सुट्ना पलङ्ग ओहरना बिछौना अलग रहिन । एकओर किरण उहै बिछौना उहे ओहरना, टुटल खटियाके बिस्टारा रठिन ।





सपना किरणके सँग रहे नै सेक्के एक राट अपन सुन्डर घर अंगना डेउटा जसिन गोसिया किरणहे छोरके निकर गैलिन ओ डुर शहर बजारमे डेरा लेके बैठे लग्लीन । ओ  होटल खोल्के बैठगिलीन । होटल मजा चल्ठिन, खैना पिनासे लेके सबचिजके मजा व्यवस्ठा रलेक कारण ग्राहकनके भिराभिर रठिन होटल । सपना खैना पिनासे लेके अपन रुपरंग अपन जवानीके फेंन व्यापार कर्टि गैलिन । 


सपना केवल मोजमज्जा, रुपैया पैंसामे रमैना चहली ।

डिन, महिना, साल, डुई साल कर्टि बहुट वर्ष बिट गैल । समयसँगे सपनाके उमेर फेंन छिप्टी गैलिन ओ जवानी ढल्टि गैलिन । रुपरंग सुन्डरटाके कमी हुइटि गैलिन । सायड यहे कारणसे सपनाके व्यापार फेंन कम हुइटी गैलिन ओ सपनाके सुन्डरटाके प्रशंसा फेंन कम हुइटी जाइटहिन । 


असिन समयमे सपनाके मनेम निराशा नै अइना टे बाट नै हो । जवानीमे ग्राहकनसे भरल रना होटल आज काहे सुनसान ? खैना पिना सब उहे बा केवल मोर छाला पुरान होगैल । ऊ डिन मोर होटलके खैना पिनासे फेंन मोर रुप रंगके कारण मिठ लागिन । आप सब टीट होगिलिन कि । कटना स्वार्ठी मनै बटैं यी डुनियाँमे कैक अनेक बाट सपनाके मनेम खेल्ठिन । अस्टे बाट मनेम खेलैटि सपना के हर राट बिटि्ठन । 




सपना बिटल पलहे सम्झठी ओ एहोर ओहोर नेंगठि । सिसाके आघे बैठके अपन सारा रुपरंग हेर्टि । जवानीके रुप ओ आजके रुप बहुट फरक भेटैठि । सपना अपन हरेक अंगहे छम्टि जवानीके रुप हे सम्झठी । ऊ डिन स्याउ जसिन गाल कहिन उहे आज नै रहिन । जोन हेर्टि सुहावन आँखी रहिन आज नै रहिन । रेश्मी भुटलाके चमक आज नै रहिन । हेर्टि सुहावन लगना जीउ आज सारा हेरागैल रहिन । अनेक सोंचाइ अइना करिन जिन्डगी कसिके कटैना कैके । 


सपना जब अपन जीवनहे घुमके हेरि टे अप्ने आप हे जिन्डगिक डगर बिस्रा के बरे डुर पुगल महशुस कर्ठिन । जिन्गीमे सब चिजके अभाव हुइल महशुस पैठिन । ना श्रीमान् ना टे बाल बच्चा । जिन्डगी सुनसान लागिन । अप्ने आप हे पूरा खाली लागे लग्लिन सपना हे । 


बहुट अइलिन सपना हे अपन डिलके रानी बनैनावाला । बहुट अइलिन जिन्डगी भर साठ डेहम कनावाला टर ऊ बाचा टे का उ मनै समेटके पटा नै हुइहिन ।

सपना उहे किरणहे सत्य मैया ओ गोसिन्याहे करे पर्ना भूमिकाके याड अइठिन । झलझली किरणहे सम्झठीम उ डुनु गालेम आँस बहगैल रठिन । किरण प्रटि करल नै मजा व्यवहार समझके सपना मुह फोरके रोइ पुग्ठिन । सपना एकहोरो कवाके अपन किरणके याड करे लग्ठिन । सपना सारा जवानी व्यापारमे बिटैले रहिन । सपना बरबरैठिन, सारा डुनियाँ स्वार्थी बा सब कुछ बेच्नु टर उ मनै कहाँ हेरा गौलै । कोई पटा जटा नै हो । मही माया करुया मही डुलही बनैना बाचा करल मनै कहाँ गिलैं ? सपना यी सब बाट समझके रोइना कर्ठिन ।





सपना अपन डेउटा जसिन गोस्याहे ढोखा डेके, छल करके राटके सुटुक्क छोरके घरेमसे निकरके गैलक राट समझलिन । निर्डोष किरणहे करल व्यवहार समझके टपटप आँश गिराई पुग्लिन । कहाँ हुँइही किरण बिचारा किरणहे बिना कारण डोष लगैना करु । गल्टि सारा मोर रहे अपन श्रीमान् हे चिन्हे नै सेकल रहुँ । जे घरक मुल खुँटा रहे जे मोर जिवनके अर्चन रहे, उहि हे मै कौनो मोलके नै ठन्नु । आज मै जीवन के सिमा नहाङ्गके अत्रा डुर पुग्गैनु । अपन इज्जट बेचढर्नु । अपन सारा जवानी बेचढर्नु । मही जीवन भर साठ डेहम कहुया, मोर सँग राट बिटैना, सु:ख डुःखमे साठ डेहम कहुइयन सब हेरा गैलाँ । अपन मनै फे महीसे डुर होसेक्लाँ । मै अपन ईच्छा, अपन मोजमज्जा के लाग आघे पाछे नै हेर्नु । आज मै यी अवस्ठामे पुगल बटुँ । यडि मे अपन डाई बाबाके कहल मन्टु अपन गोस्यक कहल मन्टु टे आज मही यी डिन डेखे नै परट । कसिके डेखाउ अपन मनैन हे अनुहार कसिक बोलु कटि सपना अपन सारा गल्टिसे पस्टैठिन । असिन शहरमे कहाँसम बैठेसेकम, ना कौनो नाट ना कौनो अपन मनै ।



सपना जिन्गीमे अकेली महशुस कर्ठिन । यह क्रममे हुकिन हे अपन सँगे पह्रलक बहुट मिल्ना संघरियाके याड अईलिन । ऊ संघरिया बरे मजा, मिल्सार, नम्र स्वभावके संघरिया रहिन । सँगे रना, मनक सु:ख डुःखके बाट साटासाट कर्ना, खेल्ना, घुम्ना खैना, सुटना करिट । उ हे संघरियक कहल बाट सपनक् मनेम घुमे लग्लिन “सपना जब जिन्डगीमे हार खैबो या जिन्गी टीट लागी, डुनियाँ टुहिन घृणा करी या ईन्कार करी कलेसे जिन्डगीमे अकेली महशुस कर्बो कलेसे हम्रहिन प्रेम करुइया संसारके ज्योटि ख्रीष्टहे अपन जिन्डगीक साहारा बनालेहो । जे हमार जिन्डगीक ख्याल करट । उहाँके प्रटिज्ञा करल बचनमे विश्वास करहो । जहाँ जीवन बा, पाप क्षमा बा, माया नै माया बा, शान्टि बा, अनन्ट जीवन बा ।” इ कलक बाट सपनाहे झलझली याड अइलिन ओ आंखिक पल्कामेसे टप टप आँशक बुँडा गिराई पुग्ली ।




सपना अपन मनहे घुमैली ओ अपन जीवनहे लावा बनैना सोंच बनैली । फेन से लावा जुनिक यात्रा शुरु कर्ना अपन घर, मनके मन्डिर हे फेंन से सजैना सोंच बनैठिन सपना । मै उहै जैम जहाँसे मोर जिन्डगीक शुरुवाट हुइल रहे । मै घुमके उहै जैम ओ फेन से अपन लावा जुनिक् शुरुवाट करम । मै अपन श्रीमानके डासी बन्के रहम । जिन्डगी भर उहाँके सेवा करम, अपन डिलसे सारा मनसे गोस्याहे पूरा माया डेम कहिके सपना अस्टे अस्टे बाट सोच्टी राटके निडा जैठिन । 


उ झसक्ठिन । उहे किरणकेसँग रलक, फेनसे किरणकेसँग भेट हुइलक ओ अपन मनक बाट सुनैलक सपना झसक्के जग्ठी टर अप्ने आपहे अकेली पैठी । सपना गालेम बहल आँश पोछ्टी किरणके माया करल कल्पना कर्ठी । आज किरण मोरसँग रटै टे कलसे मोर अँगालोम रटैं । मही माया कर्टै टर आज बिस्टारा सुनसान बा । डेउटा जसिन श्रीमान् नम्र स्वभावके अपन काममे लागल रना । टर मै हुकहिन कौनो मूल्यके नै सम्झनु । कत्रा माया करिट उ किरण मही टर मै हरडम इनकार करटि गैनु । हुँकार बोली मही मन नै परे, हुँकार चाल मन नै परे टर किरण मही डिलसे माया करिट । मोर चाहना फरक, सोंचाई फरक रहे । टर मै किरणके ठन जैम ओ अपन सारा भुलके माफी माँगम । हुँकार पाउ छुके हुँकार श्रीमटी के हकडेना मौका मागम । अपन दिलमे हुकिन सजैम कैक सपना राट भर करोट लेलेके राट बिटैठी ।





सपना किरणके रना ओ हुकारे सँगे सारा जिन्डगी बिटैना कल्पना कर्ठी । फेन से लावा घर सुखी परिवार एक शान्टि परिवार बनैना डुई सन्टान ईश्वरके बरडान कहे हस छाई ओ छावाके जलम डेना सोंचे पुग्ठी । एक नमूनाके परिवार शुरुवाट कर्ना । एक असल पटनीके जिम्मेवारी पूरा कर्ना ओ एकठो असल डाईके भूमिका पुरा कर्ना सोंचठी । सपना झस्कठी ओ हडरबडर उठ्ठी जैसे कि ऊ घरेम कुछ हुइक लाग बा जसिन । सपना अपन शरीरके सरसफाई कर्ठी । अपन लुग्गा ओ सारा सामान झोलामे भर्ठी ओ टयार होजैठी । अपन जलम स्ठान ओर । लावा खुसी, लावा उमंग छाईल जसिन रठिन सपनाके । अपन गोस्या किरणसे भेंट कर्ना ओ अपन जन्मभुमि ठाउँ, अपन हुर्कलक ठाउँ जाइटही सपना । ऊ ठाउँ जहाँ अपन हुर्कलक खेल्लक ठाउँ जाईटही सपना । उहे ठाउँ जहाँ जवानीके प्रेमके शुरु हुइल रहिन । जहाँ खुशीके बहार रहिन सपनाके । उहे ठाउँ जहाँ सखिया, मघौटा, छोक्रा नाच होए । उहे ठाउँ जाईटही सपना जहाँ पहिला प्रेमके शुरुवाट हुइल रहिन । उहे ठाउँ जाइटही सपना जहाँ अपन सारा संर्घयन छोरके निक्रल रही । सपना उहै घुमके जाईटही जोन ठाउँ हुँकार किरणके सँग डुलही बनके सजल रही, उहे घर, उहे अंगना, उहे डवारमे फेनसे पैला टेके जाइटही । 



कबु बिस्रैहि नैसेक्ना रहिन सपना के ऊ भोज । कत्रा रमाइलो क्षण ऊ बेलाके, झलझली आँखीमे आइटहिन ऊ याड सपनाहे । उहे किरणके लौलि डुलही बन्के बैठना कल्पना बोक्ले रही सपना । ऊ वर्षौसे बैठल ठाउँसे बिडाई लेके अपन सारा सामान उठाके अपन लावा जिन्डगीक यात्रा शुरु कर्ली ।

सपनक् मनेम् उहे डिनके याड आइटहिन जोन डिन अपन गाउँ घर छोरके गैल रही । सोंचटही कसिन हुई मोर जन्मल गाउँ, कसिन हुई मोर रमैलक, खेल्लक ठाउँ । सपनाके डिलमे छटपटि परल रहिन ।

जब सपना अपन जन्मल ठाउँ, अपन खेल्लक ठाउँमे पैला टेक्ली ओ साराओर नजर लगैली, सब कुछ बडलगिल रहे, आप पहिल जसिन गाउँ नै रहे । फरक मनै फरक वाटावरण फरक होगिल रहे । सपनाके रमैलक खेल्लक ठाउँ फे फरक होरठिन । सपना हुकिन अपन हुर्कलक् रमैलक मैया प्रीटिक बाट करलक् ठाउँ डेख्के झलझली बिगटके याड आइटहिन । पहिले चैनार लग्ना गाउँ आप सब सुनसान होगैल रहिन । पहिले ठारु पहिरन मे सँपरल बगाले बगाल लौन्डिन नेगिट आप ऊ ठारु पहिरन हेरागैल रहिन । सब फरक होगिल रहट गाउँ ओ मनै फेंन ।




सपना जब अपन श्रीमान्के घर पुग्ठी टे हुँकार सारा सोंचल बाट पल भरमे टहसनहस होगिलिन । जोन सोंचके आइल रही सपना ठीक उल्टा होजिठिन । जोन घरहे अपन बसेरा बनैना सोच्ले रहि ऊ घर सपनाके सोचल जसिन नै रहिन । जोन घरेम डुई प्राणीके बास रहे । जोन अवस्ठामे सपना घरहे छोरके गैल रही उसिन नै रहिन । घरक छँपरा ठाउँठाउँ उजरल भित्ता ठाउँ ठाउँ भस्कल रहिन । डवारिम टाला मारल उहे फे बहुट पुरान होरलेरहे टालक् । यी सब डेख्के सपनाके हृडय टक्रा टुक्रा हुइ पुग्ठिन । अपन सारा सामान ढर्टीम गिराडेली ओ उहे ठाउँमे बैठगिली । आँखिमसे टपटप आँश गिरे लग्ठिन । सपनाहे सारा डुनियाँ घुमेहस लग्ठिन । एकघचिक सपना उहै बैठके खोप रोइठी । अपन सोंचल जसिन नै पाके ओ अपन विगट के डिन हे समझके । सपनाहे विगटके सारा याड आईटहिन । एक डुई करट करट छिमेकी घरक मनैनके भेला होगैल रहिन । उहाँक मनै सपनाहे चिन्हे नै सेकटहिट । काकरे कि सपनाके रुपरंग पहिलकसे फरक होगिल रहिन । गाँउक जीवन ओ शहरिया जीवनके रहन सहन फरक होगिल रहिन । भर्खर १७–१८ के उमेरमे घर छोरके गैल रही सपना । ओ ढेर वर्ष पाछे गाउँमे अइलक कारण चिन्हे नै सेकटहिन । यह करममे पाछेसे एकठो आवाज सुन्ली सपना “बाबु सपना” कना आवाज । सपना झसक्के हेर्ली टे गाउँके रामे डाडा हे डेख्ली । सपना रोइटी पुछ्ली डाडा यी मै का डेखटु । किरण कहाँ ? डाडा मोर किरण कहाँ गैला ? रामे डाडा डुःखी हुइटी कलिन बाबु सपना टोर घर छोरके गैल पर किरण बहुट रोइल । पागल हस करे । पाछे पाछे जहाँ टहाँ टोर नाउँ लिख्टी नेगें । जाने खाना खाए कि नाई ऊ । टोर गैल पर एक–डुई बरस रहल टबसे जाने कहाँ गैल पटै नै हो ।




सपना चिल्ला चिल्लाके खोपसे रोई लग्ली ओ किरणहे खोजके लान डेऊ कैक रोइठी । टर के जाई खोजे, कहाँ जैही बिना ठेगानके । सपना घरक डवारिम् लगाइल टाला टुरे कठिन । टब गाउँक मनै टाला टुरके खोलडेठै । जब सपना घरेम पेल्ठी टे सारा भित्तामे सपनाके नाउँ किल लिखल डेख्ठि । जहोर हेर्ठी ओहरे सपना, सपना, सपना केल लिखल । यी सब डेख्के सपनाके आँश नै रुकटहिन । सपना हे आप पटा चलटहिन कि किरण कत्रा मैया करिट । सपनाके घरेम छोरके गैल बाँकी सामान सजोक लगाके ढैडेले रहिन । सपना सारा घर घुम्ली आँखीभर आँश लेके कवाके एहोर ओहोर हेर्टिरहिन । सपना हे बिटल डिनके याड झलझली आइटहिन । उहे घरेम डुलहीके श्रृंगारमे सजल ओ कोमल पैला टेक्के उहे घरेम् प्रवेश कर्ले रही सपना । डेउटा जसिन पटि भेटैले रही सपना टर आज ऊ श्रीमान् हे गुमाई पुगली ।



सपना घरक कोन्टिमे घुम्ठी, बहुट फुहर ढुरेढुर मकरनके झोलेझोल होरठिन घर । वर्षो से बिना मनैन्के घर । सपना अपन घर लिपपोट पारके सुग्घर बनैठी ओ अपन प्यारो पटि किरणके याड कर्ठी । सायड आज किरण रटै कलेसे कत्रा खुशी क्षण रने रहे कटि विस्टारा मे अकेली एहोर ओहोर करोट लेके राट बिटिठन । सपना सोंच्ठी आज किरण रटै कलेसे राट भर अपन मनक बाट सुनैटु । अपन भुल गल्टि स्वीकार कर्टु । हुँकार पाउ परटु ओ रो रो मनक पिराके आँशु हुँकार पाउमे बहैटु । 




सपनाके नजर भित्तामे झुलाईल भोजक डिन खिचल फोटु मे पर्ठिन । डुनु जे भोजहा पहिरनमे सजल फोटो डेख्के फेन से सपना हे भोजक डिनके याड आजैठिन । एकओर जुगुर जुगुर डिया बर्टी  रहट सपना खटियामे अकेली कबु एहोंर, कबु ओहोंर करोट लेटी रठी । सुनसान राट कोई चिजके आवाज अइलसे सपना झस्कना करीन, कही किरन टे ना आगैला कैके । सपना उठ्के एहोंर ओहोंर हेर्ना करी टर किहु फे नै डेखी । सपना आँखी भर आँश लेके जाने कब निडा जैठी ओ किरणके सँग बिटाईल दिनके सपना डेखे लग्ठी । सपनामे किरण हे घरे आइल ओ अँगालोम लेहल, माया करल ओ मिठ मिठ बाट करल डेख्ठी ओ अपन सारा गल्टिके माफी मागल डेख्ठी । किरणके पाउ परके रोइकल डेख्ठी । रमाइलो जिन्डगी, सुखी शान्टि परिवार अपन कोखमे किरण सुन्डर बच्चा खेल्लक ओ किरणके सँग रमैलक हस्लक सपना डेख्के झसक्के जग्ठि । जब सपना जग्ठी टे मुर्गा फे भिन्सार हुईलक आवाज करट । सपना आँखी खोल्ठी फेन अकेली भेटैठि । टर अपन बाँकी जीवन ओ अपन डिलके राजा श्रीमान् किरणके अइना डगर हेर्टी घरक काम उसर्ना ओर लाग्जैठी । सपना राट डिन किरणके अइना अस्रामे हुँकार अइना डगर हेर्के लावा घर परिवार बनैना बाचा करके जिन्डगीक सु:ख डुःख सबसे सामना करके जीवन गुजारा कर्टी रठी । ओराल । 

संगम चौधरी....✍️

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